श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)

Ganesh Aarti

🕉️ वक्रतुंड महाकाय मंत्र | Ganesh Vandana

“वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

भावार्थ: हे विशाल शरीर, एकदंत और सूर्य के समान तेज वाले प्रभु, कृपा करके मेरे सभी कार्यों को बिना विघ्न के पूर्ण करें।ं।


🪔 जय गणेश देवा | Shri Ganesh Aarti

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवाा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


📅 आरती गाने का श्रेष्ठ समय:

  • 🕖 रोज सुबह और शाम
  • 🌙 बुधवार और गणेश चतुर्थी
  • 🎉 किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में

🙏 गणपति बाप्पा मोरया! 🙏

 

1 thought on “श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)”

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